Educational Poem

आओ बच्चों खेलतें हैं इक खेल नया,
ये दौर अलग कुछ करने का,,
रटने का अब वक़्त गया ।
दो पहिये की साइकिल होती,
चार पैरों से तख़्त बना,,
ये दौर अलग कुछ करने का,
रटने का अब वक़्त गया ।
रुके पंखे की तीन पंखुड़ी,
चलते पंखे से वृत बना,,
ये दौर अलग कुछ करने का,
रटने का अब वक़्त गया ।
पांच सीढ़ीयां उत्तर में और,
छह सीढ़ी है दक्षिण में,,
सात कमरों से घर है बना,,
ये दौर अलग कुछ करने का,
रटने का अब वक़्त गया ।
आठ सदस्य इस घर मे है,
नौ दस मीटर पे स्कूल बना,,
ये दौर अलग कुछ करने का,
रटने का अब वक़्त गया ।
आओ बच्चों खेलतें हैं इक खेल नया.....

# two lines shayari, sad shayari, love shayari, romantic shayari, heart touching shayari

Educational Poem

Comments

Post a Comment

Popular posts from this blog

Worksheets for Primary Classes

Love Shayari