Sad Shayari

अभी तो निकले थे जिंदगी को मनाने,,
कुछ दूर चले कि सांसे हार गई....

उनका गहना था रहा कभी खामोशी यूं तो,,
खुली जुबाँ तो नहूस-ए-लफ़्ज दिल के पार गई....

ग़ज़ल मेरी के मायने तारीफ उनकी थी,,
लिखने जो आज बैठा तो कलम नकार गई....

किसी सवाल सा उलझा हूं बीच राह में,,
जाने बिस्मिल जिंदगी मेरी किस आकार गई....

खुद को मिटाने की शर्त थी उनसे,
आज इक दफ़ा वो मुझसे फिर हार गई....
--------------------------------------------------------
नहूस-शूल
बिस्मिल-घायल

# two lines shayari, sad shayari, love shayari, romantic shayari, heart touching shayari

Sad Shayari

Comments

Popular posts from this blog

Love Shayari

Sad Shayari