Sad Shayari

वहम,दिल और धागे टूट जाते है वक़्त आने पर,,, काफी पुराना था भ्रम मुझे भी मेरे जिंदा होने पर.... तू हसरत ही रहती मेरी तो बात मेरे बस में होती,,, मजबूर है ये शायर ग़रीब,एब-ए-रतनम होने पर.... दवा, दारू और टोनें बेहिसाब, सब बेअसर ,,, इलाज़-ए-मर्ज है अब मेरा मेरे दफ़न होने पर.... शुकुन-ओ-सब्र तो अब कब्र में बाकी है ढूंढना,,, अभी वक़्त लगेगा इस जमीं पे जमीर होने पर..... @ sad shayari, love shayari, romantic shayari, heart touching shayari, two lines shayari Photo Credit - https://pixabay.com