ये जिंदगी सफ़र का नाम है, तेरा मिलना तो बस मुलाकात है, तू भी राही,हूं मैं भी राही, तेरी मंजिल और मेरा साहिल ओर । शक नहीं है मुझको तेरी वफा पर, पर यकीन नहीं है मिली इस सजा पर, जब ये तय ही था कि तू मेरा हमसफ़र नहीं, तो हर मोड़ पर तेरा साथ क्यूं मिला, अकेला ही हर मोड़ से गुजरने का आदी था मैं, जब आदत हो गई तेरी तो तन्हा क्यूं छोड़ दिया मैं, ख़ैर रास्ते में मोड़ तो आम है, क्योंकि ये जिंदगी सफ़र का नाम है । अब वो रिश्ता बना लें हम दो, चलना भी साथ जहां और सफर भी नहीं, बिछा दें खुद को उस पटरी सा, जहाँ मिलना नहीं तो जुदाई भी नहीं, और फिर तू देखना मुझको,मैं निहारूंगा तुझको, ख़फा होना मैं मना लूंगा तुझको, यूं ही खत्म हो जाएगा ये सफर, कि ढ़ल जाने को शाम है, ये जिंदगी सफर का नाम है। इत्तेफाकन किसी मोड़ पर मिल भी जाए तो, नजरें मिलाकर मुस्कुरा ज़ुरूर देना एक दफा, बची जिंदगी जीने को इतना बहाना तो काफी होगा, कि तू जानता है अब भी मुझको , पर इसके बाद न रुकना तुम वहां, कहीं पता चले कि बची जिंदगी ही इतनी थी, इक गलती दोनों की बतलाता हूं मैं तुमको, कि हमने चाहत कर ली, और च...